हिन्द युग्म प्रकाशन
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Uff Kolkata हिंदी भाषा की पहली हॉरर कॉमेडी कही जा सकती है। इस लिहाज़ से यह एक पहल भी है। कोलकाता के बाहरी भाग में फैले एक विश्वविद्यालय का हॉस्टल, उपन्यास के मुख्य किरदारों की ग़लती से अभिशप्त हो जाता है।
एक आत्मा जो अब हॉस्टल में है, बच्चों को परेशान करती है पर मारती नहीं। इन्हीं पसोपेश, डर, बचने के इंतज़ामात से जो हास्य उत्पन्न होता है, वही इस कहानी का मूल है।
कहानी ख़त्म होते-होते हतप्रभ कर देने वाला मोड़ लेती है, जिसके लिए आप सत्य व्यास और उनकी कहानियों को जानते हैं।
Weight | 60 g |
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Dimensions | 19.8 × 1.3 × 12.9 cm |
सत्य व्यास: अस्सी के दशक में बूढ़े हुए। नब्बे के दशक में जवान। इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में बचपना गुजरा और कहते हैं कि नई सदी के दूसरे दशक में पैदा हुए हैं। अब जब पैदा ही हुए हैं तो खूब उत्पात मचा रहे हैं।
चाहते हैं कि उन्हें कॉस्मोपॉलिटन कहा जाए। हालाँकि देश से बाहर बस भूटान गए हैं। पूछने पर बता नहीं पाते कि कहाँ के हैं। उत्तर प्रदेश से जड़ें जुड़ी हैं। २० साल तक जब खुद को बिहारी कहने का सुख लिया तो अचानक ही बताया गया कि अब तुम झारखंडी हो। उसमें भी खुश हैं।
खुद जियो औरों को भी जीने दो के धर्म में विश्वास करते हैं और एक साथ कई-कई चीजें लिखते हैं। अंतर्मुखी हैं इसलिए फोन की जगह ईमेल पर ज्यादा मिलते हैं।
ब्लॉगिंग, कविता और फिल्मों के रुचि रखने वाले सत्य व्यास फ़िलहाल दो फिल्मों की पटकथा लिख रहे हैं। पहले चारों उपन्यास बनारस टॉकीज, दिल्ली दरबार, चौरासी और बाग़ी बलिया ‘दैनिक जागरण-नीलशन बेस्टसेलर’ की सूची में शामिल रहे हैं। तीसरे उपन्यास चौरासी पर ग्रहण के नाम से वेब सीरीज भी बनी।
Uff Kolkata इनका पाँचवाँ उपन्यास है। ईमेल : authorsatya@gmail.com
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