Swaha-2 – श्यामली के कत्ल से शुरू हुई सिद्धांत की बद्किस्मती उसका पीछा छोड़ने को तैयार नहीं थी। दिल के भीतर दहकती बदले की आग उसके जुर्म की फेहरिश्त में निरंतर इजाफा करती जा रही थी। वह भटक रहा था, एक-एक कर के दुश्मनों का सफाया करता जा रहा था, मगर जब मंजिल पर पहुँचा तो ये देखकर हैरान रह गया कि प्रतिशोध के दावानल को बुझाने हेतु जितने भी गुनाह किये थे उनका हासिल एक ही झटके में जलकर स्वाहा हो गया।
लेखक संतोष पाठक का जन्म 19 जुलाई 1978 को, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के बेटाबर खूर्द गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा गाँव से पूरी करने के बाद वर्ष 1987 में आप अपने पिता श्री ओमप्रकाश पाठक और माता श्रीमती उर्मिला पाठक के साथ दिल्ली चले गये,। जहाँ से आपने उच्च शिक्षा हासिल की।
आपकी पहली रचना वर्ष 1998 में मशहूर हिन्दी अखबार नवभारत टाइम्स में प्रकाशित हुई, जिसके बाद आपने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 2004 में आपको हिन्दी अकादमी द्वारा उत्कृष्ट लेखन के लिए पुरस्कृत किया गया। आपने सच्चे किस्से, सस्पेंस कहानियाँ, मनोरम कहानियाँ इत्यादि पत्रिकाओं तथा शैक्षिक किताबों का सालों तक सम्पादन किया है। आपने हिन्दी अखबारों के लिए न्यूज रिपोर्टिंग करने के अलावा सैकड़ों की तादाद में सत्यकथाएँ तथा फिक्शन लिखे हैं।
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