साहित्य विमर्श प्रकाशन
₹349
In stock
₹349
In stock
5 star | 83 | 83% |
4 star | 8 | 8% |
3 star | 8 | 8% |
2 star | 0% | |
1 star | 0% |
Sorry, no reviews match your current selections
Pani Kera Budbuda | पानी केरा बुदबुदा
टॉप मिस्ट्री राइटर
सुरेन्द्र मोहन पाठक
की आत्मकथा का चौथा खंड
उपन्यास से ज्यादा रोचक।
हर वाकया जैसे आपकी अपनी आपबीती।
लुगदी पॉकेट बुक्स के विलुप्त व्यवसाय
के कई स्याह सफेद वाकये।
लेखक के उस दौर के पाठकों से
आपका सीधा डायलॉग।
ये खंड पढ़ते वक्त लेखक कभी आप को
सुनील लगेगा, कभी सुधीर लगेगा
तो कभी विमल लगेगा।
एक अद्भुत अहसास।
आदि से अंत तक रोचक आत्मकथा खंड–4
साहित्य विमर्श प्रकाशन
की संग्रहणीय प्रस्तुति
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,
अभी इश्क के इम्तिहाँ और भी हैं;
तू शाहीन है परवाज़ है काम तेरा,
तिरे सामने आसमाँ और भी हैं।
सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ उन्होंने मारियो पूजो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू किया। इसके बाद मौलिक लेखन करने लगे। सन 1959 में, आपकी अपनी कृति, प्रथम कहानी “57 साल पुराना आदमी” मनोहर कहानियां नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। आपका पहला उपन्यास “पुराने गुनाह नए गुनाहगार”, सन 1963 में “नीलम जासूस” नामक पत्रिका में छपा था। सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिन्होंने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेज़ी में भी छपा और उसकी लाखों प्रतियाँ बिकने की ख़बर चर्चा में रही। उनकी अब तक 313 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका नवीनतम उपन्यास जीत सिंह सीरीज का ‘दुबई गैंग’ है। उनसे smpmysterywriter@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है। पत्राचार के लिये उनका पता है : पोस्ट बॉक्स नम्बर 9426, दिल्ली – 110051.
Weight | 450 g |
---|---|
Dimensions | 22 × 17 × 3 cm |
फॉर्मैट | पेपरबैक |
भाषा | हिंदी |
Number of Pages | 352+16 Colored (170 GSM Art Paper) |
Ask a question
Your question will be answered by a store representative or other customers.
Thank you for the question!
Your question has been received and will be answered soon. Please do not submit the same question again.
Error
An error occurred when saving your question. Please report it to the website administrator. Additional information:
Add an answer
Thank you for the answer!
Your answer has been received and will be published soon. Please do not submit the same answer again.
Error
An error occurred when saving your answer. Please report it to the website administrator. Additional information:
Verified review – view original
A Gem from SMP sir as Always
Verified review – view original
Excellent
Verified review – view original
Very good
Verified review – view original
Page no 294 to 338 matter was repeat as it was already read in various lekhkias.
शानदार
लेखक द्वारा हुबहू उस वक्त का उन चीज़ों का खाका खींचा गया है । पढ़के आदमी उसी में खो जाता है
बेहद खूबसूरत