‘लाहौल स्पीति’ की खूबसूरत वादियों में उभरी हुई एक हृदयस्पर्शी प्रेम कथा। यहां बर्फ से आच्छादित पहाड़ियों के सौंदर्य में प्यार का प्रतीक नीलम है तो वहाँ उसका पुजारी रानू है। रानू की मां ने कभी नहीं चाहा कि रानू वहाँ शादी करे यहां वह चाहता है। तब रानू का क्या हुआ जब उसे पता चला कि उसकी प्रेमिका पहाड़ी पर से स्पीति नदी में छलांग लगा कर मर गई है। क्या उसे काठमांडू के आध्यात्मिक वातावरण में अपने मन की शान्ति मिल सकी ? उन दोनों के प्यार का क्या अंजाम हुआ ? इस अनूठी प्रेम कहानी का अंत निश्चित ही पाठकों की क्षुधा को शांत कर देगा। यह राज ऋषि शर्मा द्वारा लिखित एक ऐसा प्यार भरा मर्मस्पर्शी उपन्यास है जिसे एक बार पढ़ना आरंभ करने पर पूरा पढ़े बिना रहा ही नहीं जा सकता।
राज ऋषि शर्मा हिंदी, डोगरी और अंग्रेजी भाषाओं के बहुमुखी प्रतिभाशाली लेखक, पत्रकार और चित्रकार हैं। उन्होंने अब तक विभिन्न विधाओं में 29 पुस्तकें लिखी हैं, जिन्हें पाठकों ने खूब सराहा है। वे मुख्य रूप से हिंदी में लिखते हैं। उनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं और आकाशवाणी पर भी प्रसारित की गई हैं।
1975 में उन्होंने ‘महक’ और 2022 में ‘महकती वाटिका’ नामक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। 1977 में उन्होंने ‘राजर्षि कल्चर क्लब’ का भी संचालन किया। वर्तमान में, वे ‘महकती वाटिका’ नामक काव्य संग्रहों की श्रृंखला का संपादन और प्रकाशन कर रहे हैं।
राज ऋषि शर्मा को ‘साहित्यालंकार’ और ‘साहित्य श्री’ जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है।
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