रतन और उसके माता-पिता जब अपने नये बड़े घर में आये तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। शहर के छोटे घरों में रहते हुए वो बहुत परेशान हो चुके थे लेकिन जब उन्हें ये बड़ा घर बहुत सस्ते दामों में रहने के लिए मिल गया तो उन्होंने झट से यहाँ रहने के लिए हामी भर दी।
उन्होंने इस घर को लेकर कई सपने सँजोये थे जिसमें तब घड़ों पानी पड़ गया जब रतन की मम्मी शकुन को पड़ोसियों ने बताया कि उनके घर में भूत का वास है।
रतन ने कभी भूत देखा न था।
उसने भूत वाली बात सुनी तो उसे डर तो लगा लेकिन वह भूत देखने को आतुर भी हो गया?
क्या असल में घर में भूत था?
क्या रतन को भूत दिखा?
आखिर कौन था ये भूत?
क्या बन पाया वो रतन का भूत दोस्त?
ई मेल: grover.reeta@gmail.comप्रकाशित पुस्तकें:
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