Nal Damyanti – यह कहानी है सतयुग के राजा नल की, जो निषध देश के राजा थे, और जिन्हें जुए में अपना राज्य हारना पड़ा था । उनकी पत्नी विदर्भ राज पुत्री दमयंती थी, जिनका अमर प्रेम आज भी इस क्षेत्र में सा जाता है।
निषध देश को वर्तमान में नरवर के नाम से जानते हैं, और जो मेरी जन्म स्थली भी है । आज भले ही यह क्षेत्र सरकारी आँकड़ों में दस्यु प्रभावित व पिछड़ा माना जाता हो व अपने विकास के लिए संघर्षरत हो लेकिन उसका एक कालजयी इतिहास है । इस पुस्तक में इक्ष्वाकु वंशज, अयोध्या के राजा ऋतुपूर्ण और चेदि के राजा सुबाहु का जिक्र भी पढ़ने को मिलेगा।
इसी कहानी से महाभारत के समय पांडवों को वनवास के समय प्रेरणा प्राप्त हुई थी जिसने उन्हें प्रारब्ध का एहसास कराया । about the author मनीष भार्गव का जन्म मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की नरवर तहसील के ग्राम पंचायत सोन्हर में मध्यमवर्गीय कृषक परिवार में हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय पनघटा (नरवर) जिला-शिवपुरी से हुई।
इन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से गणित व शिक्षाशास्त्र में स्नातक तथा इतिहास, अर्थशास्त्र व कम्प्यूटर साइंस से परास्नातक की उपाधि हासिल की। यह वर्तमान में शिक्षा विभाग दिल्ली में शिक्षक परामर्शदाता व गणित अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व इन्होंने मध्यप्रदेश शासन के अलग-अलग विभागों में 5 वर्ष से अधिक समय तक अपनी सेवाएं दी हैं।
यह ’वोकल’ एवं ’बोलकर’ जैसे कई डिजिटल प्लेटफार्म पर एक प्रेरक वक्ता के रूप में लोगों का मार्गदर्शन करते रहे हैं, जहाँ इन्हें 4 करोड़ से ज्यादा बार सुना गया है। इनका पहला उपन्यास ’बेरंग लिफ़ाफ़े’ बेहद सफल रहा जो जीवन व प्रशासनिक अनुभवों पर आधारित है। ’नल दमयंती’ (Nal Damyanti) पौराणिक कहानी पर आधारित उपन्यास है
Reviews
There are no reviews yet