विद्या गुप्ता की इन कहानियों में एक नयापन, एक ताजगी महसूस की जा सकती है। विषयों के चयन और उनके निर्वहन में उन्हें महारत हासिल है। अधिकतर कहानियाँ अनछुए पहलुओं पर लिखी गयी हैं। नारी मन की संवेदना एवं नारी जीवन में सहजता से प्रवेश कर जाने वाली विडंबनाएँ इन कहानियों का मुख्य स्वर है। ये कहानियाँ स्त्री जीवन के नए अध्याय खोल कर इस विमर्श को साहित्य में मजबूती से स्थापित करती हैं।
जन्म – 29 अक्टूबर 1953, उज्जैन , मध्य प्रदेश
माता : यमुना गुप्ता
पिता: सत्यनारायण गुप्ता
पति: सुरेश चंद्र गुप्ता
शिक्षा-
पूर्वार्ध- सातवीं कक्षा, पांदरीबा स्कूल, उज्जैन
उत्तरार्ध- 14 वर्षों बाद 11वीं से पुनः प्रारंभ
M.A. हिंदी, M.A. इतिहास, आयुर्वेद रत्न, सुजोक एक्यूप्रेशर (इलाहाबाद से) योगशिक्षा
प्रकाशन –
काव्य संग्रह –
और कितनी दूर
पारदर्शी होते हुए
हम बीस सदी के (संकलित काव्य संग्रह)
सापेक्ष (संयुक्त काव्य अंक)
कहानी संग्रह: 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियाँ छत्तीसगढ़ (डायमंड प्रकाशन)
देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं (वागर्थ, अक्षरा, नवनीत, समकालीन भारतीय साहित्य, साक्षात्कार, नया ज्ञानोदय, काव्यम, वीणा, कथाक्रम, कथादेश, अक्षर पर्व) में प्रकाशित
सभी विधाओं में सृजन : कहानियाँ, कविताएँ, संस्मरण, निबंध, लघु कथा, व्यंग्य
विशेष:रविशंकर विश्वविद्यालय के छात्र द्वारा समस्त काव्य का अनुशीलन
साहित्यिक संगोष्ठी एवं गोष्ठियों में प्रतिभागिता
नर्मदा पदयात्री श्री अमृतलाल वेगड़ जी के साथ खंड पदयात्रा में शामिल
प्रसिद्ध दार्शनिक नागराज जी शर्मा के दर्शन शिविरों में प्रतिभागिता
इंटेक (इंडियन नेशनल ट्रस्ट आर्ट एंड हेरिटेज) छत्तीसगढ़ से संबद्ध दुर्ग चैप्टर की सह संयोजिका
योग कक्षा का संचालन, सामाजिक सेवा कार्य
संप्रत्ति गृहिणीपुरस्कारमहामहिम राज्यपाल के एम सेठ छतीसगढ़ द्वारा प्रथम कृति सम्मान, रायपुर
महामहिम राज्यपाल श्री केसरी नाथ त्रिपाठी बंगाल द्वारा साहित्य सम्मान भोपाल
विख्यात चिंतक श्री विद्यानिवास जी मिश्र द्वारा प्रथम कृति का विमोचन एवं सम्मान हिंदी भवन, भोपाल
दीपाक्षर साहित्य सम्मान, भिलाई
क्षेत्रीय प्रतिभा पुरस्कार, भिलाई
अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार, भोपाल
छ. ग. राज्य उर्दू अकादमी द्वारा बदरुल कुरैशी बद्र सम्मान
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