Be the first to review “Kal Aaj Aur Kal” Cancel reply
Kal Aaj Aur Kal – हमारे समय में स्थिति कुछ ऐसी बन गयी है कि लेखक को विचार की ओर मुड़ना ही पड़ता है; सिर्फ़ रचना में नहीं बल्कि सीधे। राठी के विचार का विषय-वितान बहुत फैला हुआ है। उसमें सजगता, वस्तुनिष्ठता और आवेग के साथ अनेक मुद्दों और पहलुओं पर विचार किया गया है। — अशोक वाजपेयी
Reviews
There are no reviews yet.