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पाठकों की राय

4 reviews for इंद्रप्रिया

  1. सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'

    सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’

    इस तरह की भाषा, इतिहास का ज्ञान और हिम्मत हौसले की दास्तान छपती रहनी चाहिए। बहुत बढ़िया।

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    Nilesh Pawar

    बहुत दिनो बाद कोई ऐसी किताब पढ़ी जिसने मुगल काल के समय से परिचित करवाया।
    निः संदेह राय प्रवीन की बहुमुखी प्रतिभा को पाठको तक पहुंचने में लेखक सुधीर मौर्य की मेहनत प्रशंसा योग्य है।
    बुंदेलखंड के गौरव को बढ़ाने वाली राय प्रवीन के साथ साथ राजा इंद्रजीत, वीर सिंह, कवि केशव और अब्दुल रहीम खानखाना के वीरोचित गुणों को सामने लाने का महती कार्य यह किताब करती है।

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    Rishabh Rawat

    यह पुस्तक शुरू से लेके अंत तक ज़रा भी बोरियत महसूस नहीं होने देती। अत्यधिक लोभनीय पुस्तक।

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    Abhishek Singh Rajawat

    राय प्रवीना पर पर बहुत कम सामग्री उपलब्ध है, ऐसे में लेखक और प्रकाशक दोनों का एक सराहनीय कदम….

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