समसामयिक, बेहतरीन लघुकथाएं।
सुई जैसी नुकीली पर मारक तलवार जैसी।
लेखिका को हार्दिक बधाई।
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Abhishek Singh Rajawat
Reviewer
Rated 5 out of 5
जैसे 90s के दौरान एक सिरियल के हर एपिसोड के अंत में नायक एक लाइन कहता है, ‘ छोटी-छोटी मगर मोटी बातें ‘ वैसे ही इस कहानी संग्रह की हर कहानी में एक सीख छुपी हुयी है|
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Ayushi
Reviewer
Rated 5 out of 5
Heart touching stories.
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Girish Kumar
Reviewer
Rated 5 out of 5
बहुत सुंदर कहानियां
जीवन के हर पहलू से जुड़ी कहानियां
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Calendar Par Latki Tareekhen
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कैलेंडर पर लटकी तारीखें – दिव्या शर्मा (Calendar Par Latki Tareekhen- Divya Sharma)
हर तारीख की अपनी एक कथा है।
जो लिखी गई हैं यथार्थ के धरातल पर कल्पनाओं के रंगों को समेट कर। यह रंग हमारे अपने हैं जिनमें शामिल है हमारी पूरी ज़िन्दगी।
जिन्दगी जो समंदर की तरह होती है, वह समंदर दिल की गहरी गुफा में बह रहा है लेकिन
“इस नमकीन… समंदर में भी ज्वार-भाटा आते हैं…. तब उस अंधेरी गुफा में ….भी …शोर मचने लगता है ..।”
इसी ज़िन्दगी के उतार चढावों को, इसके सुख और दुःख के रंगों को समेटकर लाया है यह लघुकथा संग्रह जो कहीं-न-कहीं आपको अपने होने का एहसास दिलाएगा।
सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ उन्होंने मारियो पूजो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू किया। इसके बाद मौलिक लेखन करने लगे। सन 1959 में, आपकी अपनी कृति, प्रथम कहानी “57 साल पुराना आदमी” मनोहर कहानियां नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई। आपका पहला उपन्यास “पुराने गुनाह नए गुनाहगार”, सन 1963 में “नीलम जासूस” नामक पत्रिका में छपा था। सुरेन्द्र मोहन पाठक के प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिन्होंने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेज़ी में भी छपा और उसकी लाखों प्रतियाँ बिकने की ख़बर चर्चा में रही। उनकी अब तक 313 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका नवीनतम उपन्यास जीत सिंह सीरीज का ‘दुबई गैंग’ है। उनसे smpmysterywriter@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है। पत्राचार के लिये उनका पता है : पोस्ट बॉक्स नम्बर 9426, दिल्ली – 110051.
Weight
300 g
Dimensions
22 × 17 × 3 cm
फॉर्मैट
पेपरबैक
भाषा
हिंदी
Number of Pages
304
Q & A
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One short story with a quick snack
समसामयिक, बेहतरीन लघुकथाएं।
सुई जैसी नुकीली पर मारक तलवार जैसी।
लेखिका को हार्दिक बधाई।
जैसे 90s के दौरान एक सिरियल के हर एपिसोड के अंत में नायक एक लाइन कहता है, ‘ छोटी-छोटी मगर मोटी बातें ‘ वैसे ही इस कहानी संग्रह की हर कहानी में एक सीख छुपी हुयी है|
Heart touching stories.
बहुत सुंदर कहानियां
जीवन के हर पहलू से जुड़ी कहानियां