समसामयिक, बेहतरीन लघुकथाएं।
सुई जैसी नुकीली पर मारक तलवार जैसी।
लेखिका को हार्दिक बधाई।
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Abhishek Singh Rajawat
Reviewer
Rated 5 out of 5
जैसे 90s के दौरान एक सिरियल के हर एपिसोड के अंत में नायक एक लाइन कहता है, ‘ छोटी-छोटी मगर मोटी बातें ‘ वैसे ही इस कहानी संग्रह की हर कहानी में एक सीख छुपी हुयी है|
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Ayushi
Reviewer
Rated 5 out of 5
Heart touching stories.
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Girish Kumar
Reviewer
Rated 5 out of 5
बहुत सुंदर कहानियां
जीवन के हर पहलू से जुड़ी कहानियां
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Calendar Par Latki Tareekhen
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कैलेंडर पर लटकी तारीखें – दिव्या शर्मा (Calendar Par Latki Tareekhen- Divya Sharma)
हर तारीख की अपनी एक कथा है।
जो लिखी गई हैं यथार्थ के धरातल पर कल्पनाओं के रंगों को समेट कर। यह रंग हमारे अपने हैं जिनमें शामिल है हमारी पूरी ज़िन्दगी।
जिन्दगी जो समंदर की तरह होती है, वह समंदर दिल की गहरी गुफा में बह रहा है लेकिन
“इस नमकीन… समंदर में भी ज्वार-भाटा आते हैं…. तब उस अंधेरी गुफा में ….भी …शोर मचने लगता है ..।”
इसी ज़िन्दगी के उतार चढावों को, इसके सुख और दुःख के रंगों को समेटकर लाया है यह लघुकथा संग्रह जो कहीं-न-कहीं आपको अपने होने का एहसास दिलाएगा।
One short story with a quick snack
समसामयिक, बेहतरीन लघुकथाएं।
सुई जैसी नुकीली पर मारक तलवार जैसी।
लेखिका को हार्दिक बधाई।
जैसे 90s के दौरान एक सिरियल के हर एपिसोड के अंत में नायक एक लाइन कहता है, ‘ छोटी-छोटी मगर मोटी बातें ‘ वैसे ही इस कहानी संग्रह की हर कहानी में एक सीख छुपी हुयी है|
Heart touching stories.
बहुत सुंदर कहानियां
जीवन के हर पहलू से जुड़ी कहानियां