Anupama Ganguly Ka Chautha Pyar – कुल नौ कहानियों का यह संग्रह अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार अपने आप में स्त्री-पुरुष संबंधों की जटिल सच्चाइयों को समेटे हुए है। ये फँतासियों और नाटकीयता से बहुत दूर अवसाद और कुंठाओं की सहज कहानियाँ हैं।
यहाँ आपको पारंपरिक वर्जनाओं और उनसे उपजे अंतर्द्वंद से जूझते ऐसे बहुत से किरदार मिलेंगे जिन पर बंधनों को तोड़ देने का फ़ितूर है और उन्हें तोड़ देने का मलाल भी। ये सभी कहानियाँ एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा हैं।
कहानियों की भाषा सरस और प्रवाहमयी है। कहानीकारा ने बेबाक विषयों को बेहद शालीनता से बुना है। एकदम नए शिल्प और शैली की ये कहानियाँ अनायास ही पाठक के भीतर गहरे उतर जाती हैं। इन कहानियों का सबसे प्रबल पक्ष यह है कि सभी कहानियों में कहीं-न-कहीं आप ख़ुद से रू-ब-रू होंगे और कमज़ोरी यह कि ये कहानियाँ आपको बेचैन और बहुत बेचैन कर सकती हैं
Reviews
There are no reviews yet