“अरे आय एम् सीरियस। तुमने मुझे ऐसे धक्का न दिया होता तो मैं छलाँग लगाना कैसे सीखती? इसलिए थैंक यू!” – कहानी ‘कॉन्टैक्ट्स‘ से
“वो ही क्यों, हर स्त्री अग्निपाखी है। पूरा आसमान उसका है। उसकी उड़ान या आसमान तय करने का हक़ किसी को नहीं। किसी को भी नहीं।” – कहानी ‘अग्निपाखी‘ से
धनक के सातों रंगों से बनी, सबसे अनोखी, भारतीय स्त्रियों पर लिखी आठ कहानियाँ संजोये आपके समक्ष प्रस्तुत है कहानी संग्रह ‘अग्निपाखी’। आठ अलग-अलग कहानियों में अपनी ज़िंदगी जीतीं, अलग-अलग चुनौतियों का सामना करतीं ‘अग्निपाखी’ की नायिकाएँ स्नेही, संवेदनशील बेटी, बहन, प्रेमिका, पत्नी, माँ और बहू हैं, पर इनके साथ वे ज्वालजयी स्त्रियाँ हैं, जिनकी अपनी पहचान है, जिनका अपना आसमान है। भारतीय स्त्री के अग्नि तत्व को समर्पित, ‘अग्निपाखी’।
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