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महाभारत आधारित पौराणिक रहस्य गाथा का यह तीसरा चरण है। डॉ. वर्मा और जयंत के साथ रोहन की वसीयत और मुमुक्षुओं के पुरातन सत्य की जड़ें खँगालता और अपने अस्तित्व के लिए जूझता श्रीमंत परिवार उस मोड़ पर आ पहुँचा जब रोहन का सत्य उनके जीवन का सबसे बड़ा झूठ बन गया। वे सदियों पुराने मूक इतिहास के खाली पन्नों से जीवित हुए पुरातन सत्य से दूर थे, किंतु कोई इस दिव्य यज्ञ में उनकी आहुति देने की तैयारी कर चुका था।.
सौरभ कुदेशिया पिछले बीस वर्षों से पेशेवर लेखक और मैनेजर के तौर पर विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों से जुड़े रहे हैं। अपने पेशेवर कैरियर में इन्होंने भारत, चीन, अमेरिका, और यूरोप में अनेक टीम और अनगिनत प्रोजेक्ट्स का संचालन किया है। नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर अनगिनत विषयों पर कई शोध-पत्र प्रस्तुत करने के साथ इन्होंने अनगिनत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के लिए स्वयंसेवक के तौर पर अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं। बिरला इंस्टीवट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस पिलानी, आईआईएम बेंगुलुरु, सिम्बायोसिस पुणे से पोस्ट ग्रैजुएट सौरभ वर्तमान में बेंगुलुरु की एक कंपनी में डायरेक्टर का पदभार संभाले हुए हैं।
Weight | 215 g |
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Dimensions | 21 × 13 × 2 cm |
फॉर्मैट | पेपरबैक |
भाषा | हिंदी |
Number of Pages | 302 |
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