पश्चिम बंगाल के पश्चिमी बर्धमान जिले के अंतर्गत दुर्गापुर एक सुनियोजित और खूबसूरत शहर है।
इस शहर के इतिहास पर प्रकाश डालें तो पता चलता है कि शहरी बसावट से पहले यहां का अधिकांश क्षेत्र घने जंगलों का घर हुआ करता था।
शहरीकरण की प्रक्रिया के बाद भी यह शहर आज भी प्रकृति के काफी नजदीक है।
सुनियोजित तरीके से बसाए गए दुर्गापुर शहर को लेखक अभिलाष दत्ता ने अपने नजर से देखा और उस शहर को जिया है। प्रकृति पसंद अभिलाष ने छः दोस्तों की कहानी का सहारा लेकर दुर्गापुर की सुंदरता को पाठकों के सामने रखा है। यह किताब दुर्गापुर के सम्मान में लिखा गया है।
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